चंडीगढ़। कोरोना काल में स्कूलों को खोलना भारी पड़ गया है। हरियाणा के स्कूलों के 145 बच्चें कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। स्कूली बच्चों के संक्रमित पाए जाने से हडक़ंप मच गया है। इनमे सबसे ज्यादा बच्चें रेवाड़ी के हैं जहां पर 72 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं वहीं दूसरी जींद के स्कूलों के 11 बच्चें कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये हाल तब है जब हरियाणा सरकार ने कोरोना नियमों के तहत स्कूलों को खोलने की अनुमति दी है। ये स्थिति तब है जब कोविड 19 से बचने के लिए तमाम तरह के बंदोबस्त स्कूलों में किए जाने का दावा किया जा रहा है। सवाल ये हैं कि अगर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा के बच्चें इतनी बड़ी मात्रा में संक्रमित हो गए हैं तो अगर छोटे बच्चों के स्कूलों को खोला जाता है तब हालात क्या होंगे? कहने की जरूरत नहीं है कि स्कूलों को खोलना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है। दुर्भागय से अगर किसी बच्चे को कुछ हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पहले ही पिंड छुड़ा लिया है। सरकार ने स्कूल खोलने के साथ नियम ये बनाया है कि 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चे अपने मां-बाप की अनुमति से ही स्कूल आ पाएंगे। सरकार ने ये व्यवस्था भी की है कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल जरूरी होगा। लेकिन तमाम तरह की ऐतिहात बरतें जाने के बाद भी अगर स्कूलों में कोरोना बम फूट रहा है तो सरकार को अपने निर्णय पर पुर्न:विचार करने की जरूरत हैै। जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उससे कई तरह की आशंकाएं पैदा होती दिखाई दे रही है।